Tunnel no 33 Shimla । Haunted tunnel in India
पिछली पोस्ट में हमने कोलकाता से लंदन बस सर्विस के बारे में जाना था, आज इस पोस्ट में हम शिमला की टनल नं. 33 के बारे में जानेगें , आखिरकार क्या राज़ छुपा हुआ हैं इस टनल नंबर 33 में ।
अगर देखा जाए तो भारत में सारी टनल हैं , पर कालका से शिमला तक जाने वाले रेल रूट पर टनल नंबर 33 को बेहद ही खौफनाक खतरनाक टनल माना जाता हैं। कहा जाता हैं कि इस टनल में आज भी उस इंजीनियर की आत्मा का वास है, जिसने टनल के ठीक सामने आत्महत्या कर ली थी।
टनल का नाम हैं बरोग टनल,
इस टनल का नाम है दि बरोग टनल, जिसे टनल नंबर 33 भी कहते हैं। इस बरोग टनल की लंबाई 1143.61 मीटर हैं , जोकि कालका-शिमला मार्ग पर बरोग रेलवे स्टेशन के पास स्थित है।
बरोग टनल का निर्माण हुआ था 20वीं सदी में
इसका निर्माण 20वीं सदी में हुआ था और यह दुनिया की सबसे सीधी टनल है। इस टनल को पार करने में ट्रेन ढाई मिनट लेती है।
टनल नं. 33 का रहस्य। Mystery of Tunnel no. 33
बात ब्रिटिश काल की हैं। उस समय एक इंजीनियर हुआ करते थे नाम था कर्नल बरोग ( Colonel Barog )। इनके लिए यह टनल बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी । बरोग ने पहले पहाड़ का भ्रमण किया और पहाड़ का निरीक्षण किया और दो छोड़ पर मार्क लगाये और मजदूरों को दोनों छोर से सुरंग खोदने के निर्देश दिये। उसका अनुमान था कि खुदाई करते-करते दोनों सुरंगें बीच में आकर मिल जायेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आ गया था टनल में डेविएशन
जब टनल बन रही थी तो उम्मीद की जा रही थी कि टनल के दोनों छोड़ मिल जाएंगे ,पर ऐसा नहीं हुआ कर्नल के काम में थोड़ा डेविएशन आ गया। सुरंग खोदते वक्त ऐसे डेविएशन आना वैसे आम बात है, लेकिन ब्रिटिश सरकार को यह ठीक नहीं लगा।
ब्रिटिश सरकार को लगा कि कर्नल ने पैसे की बर्बादी की हैं और उन पर 1 रुपए का जुर्माना ठोक दिया। मजदूरों ने भी बहुत खरी खोटी सुनायी क्योंकि उनकी मेहतन बेकार चली गई थी। इंजीनियर इस बात को लेकर बेहद परेशान हो गया और एक दिन अपने कुत्ते को लेकर सुबह टहलने निकला और खुद को गोली मार ली।
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